पश्चिम बंगाल कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुलझाया देश का सबसे पुराना मामला, 72 साल बाद आया फैसला
कलकत्ता हाईकोर्ट में देश के सबसे पुराने मुकदमों में से एक को आखिरकार 72 साल के बाद निपटा लिया गया। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह रही कि कलकत्ता हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म 1951 में इस मामले के दर्ज होने के पूरे एक दशक बाद हुआ था।
फिलहाल कलकत्ता उच्च न्यायालय को इस बात से राहत मिलेगी कि पूर्ववर्ती बेरहामपुर बैंक लिमिटेड को बंद करने की कार्यवाही से संबंधित मुकदमेबाजी अंतत: समाप्त हो गई है। हालांकि अभी भी देश के अगले पांच सबसे पुराने लंबित मामलों में से दो निपटाने के लिए बचे हुए हैं। उनमें से सभी 1952 में दायर किए गए थे।
दो दीवानी मुकदमे बंगाल के मालदा की दीवानी अदालतों में चल रहे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के बाकी सबसे पुराने तीन मामलों में से दो दीवानी मुकदमे बंगाल के मालदा की दीवानी अदालतों में चल रहे हैं और एक मद्रास हाईकोर्ट में लंबित है। मालदा की अदालतों ने इन लंबे समय से चल रहे मुकदमों को निपटाने की कोशिश करने के लिए इस साल मार्च और नवंबर में सुनवाई की तारीख तय की है।
बेरहामपुर मामले का उल्लेख राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड में 9 जनवरी तक किसी भी भारतीय अदालत में सुने जाने वाले सबसे पुराने मामले के रूप में किया गया है।
जानें क्या है बेरहामपुर बैंक का मामला
बेरहामपुर बैंक को बंद करने के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका 1 जनवरी, 1951 को दायर की गई थी और उसी दिन ‘मामला संख्या 71/1951’ के रूप में दर्ज की गई थ। बेरहामपुर बैंक देनदारों से पैसा वसूल करने के लिए कई मुकदमों में उलझा हुआ था। इनमें से कई कर्जदारों ने बैंक के दावों को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया था।