मध्यप्रदेश

सुस्त चाल के चलते मौत के दो साल बाद सील बंद अनुशंसा का लिफाफा खोला गया तो वे निकले पदोन्नति के पात्र

भोपाल

राज्य प्रशासनिक सेवा के अपुसर संतोष कुमार चंदेल को अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित होंने के कारण जीते जी प्रमोशन नहीं मिल पाया। मौत के बाद कर्मचारियों से जुड़ी जांच खत्म कर दी जाती है। लेकिन विभागीय अफसरों की सुस्त चाल के चलते उनकी मौत के दो साल बाद समिति की  सील बंद अनुशंसा का लिफाफा खोला गया तो वे पदोन्नति के पात्र निकले और अब उन्हें मौत के दो साल पहले की तारीख से वरिष्ठ वेतनमान में प्रमोशन दिया गया है।

छतरपुर में पदस्थ रहे तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर संतोष कुमार चंदेल सहित उनके बैच के अन्य अफसरों को एक जनवरी 2019 की स्थिति में कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान से वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान में क्रमोन्नति देने के लिए 28 दिसंबर 2019 को चयन समिति बैठक हुई थी। इस बैठक में चंदेल के नाम पर भी विचार किया गया। उस समय चंदेल के नाम अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित होंने की जानकारी सामने आई। जबलपुर संभागायुक्त द्वारा दिये गये कारण बताओ नोटिस पर चंदेल के जवाब और प्रतिउत्तर पर आयुक्त जबलपुर का अभिमत नहीं मिल पया था। इसके चलते आने पर उनके प्रमोशन के संबंध में अनुसंशा सील बंद लिफाफे में रखी गई थी।

चंदेल के सेवा में रहते हुए जांच पूरी नहीं हो पाई और 29 अप्रैल 2021 को उनका असामयिक निधन हो गया।  निधन के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के पालन में उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रकरण 14 जुलाई 2021 को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 18 अप्रैल 2023 को दिए  अभिमत के आधार पर संतोष कुमार चंदेल के कनिष्ठ से वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान में क्रमोन्नति हेतु एक जनवरनी 2019 में समिति की सील बंद अनुशंसा को 18 मई 2023 को खोला गया जिसमें स्वर्गीय संतोष कुमार चंदेल को वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान हेतु उपयुक्त पाया गया।

अब राज्य शासन ने स्वर्गीय संतोष कुमार चंदेल तत्काललीन डिप्टी कलेक्टर छतरपुर को उनसे कनिष्ठ आशाराम मेश्राम राप्रसे की राज्य प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान में दी गई क्रमोन्नति के दिनांक 30 दिसंबर 2019 से वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान में नियुक्ति(क्रमोन्नति )प्रदान करने का निर्णय लिया है।

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