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किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए पंजाब सरकार आगे बढ़ी

चंडीगढ़. किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए अब पंजाब सरकार (Punjab government) ने ‘सरकार-किसान मिलिनी’ (Sarkar-Kisan Milini) कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है. किसानों (farmers) और सरकार के बीच पहला संवाद 12 फरवरी को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) परिसर में होगा, जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) किसानों की व्यथा सुनने के लिए उनके साथ समय बिताएंगे.

सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 6 जनवरी को एक बैठक कर चुकी है. विवरण को अंतिम रूप देने के लिए दूसरी बैठक 20 जनवरी को होगी. एक मीडिया रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि किसान विरोध प्रदर्शनों में शामिल होते हैं और आम जनता के लिए भी समस्याएं पैदा करते हैं.

अब पंजाब सरकार (Punjab government) ने किसानों को एक साथ एक मंच पर लाने और सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) से बातचीत करने का फैसला किया है. पंजाब सरकार के अधिकारी ने बताया कि इस मामले पर अन्य कैबिनेट मंत्रियों को भी बैठक के लिए बुलाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि किसान पहले अपनी मांगों को लेकर संगरूर में सीएम आवास के बाहर धरने पर बैठे थे और अब उन्होंने टोल प्लाजा का घेराव कर दिया है.

वे पिछले साल जुलाई से जीरा में एक निजी शराब की भठ्ठी को भी लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. जो अब समाप्त हो चुका है. इससे सरकार चिंतित है कि किसान नियंत्रण में नहीं हैं. इससे एक गलत संदेश भी जाता है क्योंकि विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे का राग अलापती रहती हैं.

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इसलिए यह महसूस किया गया है कि किसानों के साथ संवाद से मुद्दों को हल करने मदद मिलेगी. संवाद कई मुद्दों को सुलझा सकता है. सरकार-किसान मिलिनी के दौरान विभिन्न कृषि विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा और कई सत्र आयोजित किए जाएंगे. पंजाब सरकार के अधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम में हमें हर जिले से 150 किसान मिलेंगे. 6,000 किसानों के रहने की व्यवस्था होगी. पीएयू, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी (जीएडीवीएएसयू) के विशेषज्ञ और बिजली व कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के साथ विचार-विमर्श करेंगे.

सरकार बैठक में कृषि के बारे में नवीनतम जानकारी सामने लाने की भी योजना बना रही है. किसानों को पर्यावरण के अनुकूल उपाय करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.

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