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फ्रांस रक्षा समूह Safran भारत में अपने कर्मचारियों को करेगा चौगुना, दो परियोजनाओं पर साथ करेंगे काम

पेरिस
भारी मात्रा में डिफेंस सिस्टम और उपकरण प्रदान करने वाले सफरान (Safran) ने भारत के विकास पर प्रकाश डाला और कहा कि यह देश में अपने कर्मचारियों को चौगुना कर देगा। एएनआई से खास बातचीत में, रक्षा प्रभाग सफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष एलेक्जेंडर जिग्लर ने कहा कि भारत पहले से ही दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह आने वाले सालो में बढ़ने वाला है और हम इसे बढ़ाने जा रहे हैं। आने वाले सालो में हमारे कर्मचारियों की संख्या चौगुनी हो जाएगी। मैं भारत को जानता हूं और सालो से भारत का दौरा कर रहा हूं, मैं भारत में रहा। मैं इस देश की ऊर्जा का अनुभव कर सकता हूं।

सफरान के भारत में 1000 कर्मचारी
भारत में फ्रांसीसी राजदूत रह चुके एलेक्जेंडर जिग्लर ने कहा कि वर्तमान में सफरान के भारत में 1000 कर्मचारी हैं और यह संख्या अगले कुछ वर्षों में चौगुनी होने जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले वर्षों में इसे क्रमशः 4000 और 5000 से 6000 तक बढ़ाया जाएगा। जिग्लर ने कहा कि हमने भारत पर रणनीतिक दांव लगाने के लिए रणनीतिक बदलाव किया है। हम अपने सबसे बड़े विनिर्माण केंद्रों में से एक का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें दुनिया में विमान इंजनों के लिए हमारा सबसे बड़ा एमआरओ केंद्र शामिल है। यह अगले साल के अंत में धीरे-धीरे भारत में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सफरान भारत में इंजीनियरिंग पर अधिक से अधिक जोर दे रहा है ताकि वह नए उत्पादों का विकास और सह-विकास कर सके।

भारत के साथ इन दो योजनाओं पर काम करेंगे सफरान
जिगलर ने दो परियोजनाओं का उल्लेख किया है जिन्हें वह भारत के साथ मिलकर विकसित करना चाहते है। पहला लड़ाकू जेट इंजन है जो वर्तमान में दुनिया में केवल चार से पांच देश ही बना सकते हैं। दूसरा- भारत के साथ साझेदारी, जिससे एक साथ एक उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) विकसित की जा सके। जिग्लर ने कहा कि हम संभवत: दुनिया की एकमात्र ऐसी कंपनी हैं, जो भारत के साथ इस साझेदारी का प्रस्ताव पेश करने में सक्षम हैं। यह बताता है कि हमारी रणनीतिक प्राथमिकताओं में भारत कितना ऊपर है। जिगलर ने INS के बारे में भी बात की।

फ्रांसीसी रक्षा प्रमुख सफ्रान ग्रुप की भारत के लिए बड़ी योजना
फ्रांसीसी रक्षा प्रमुख सफ्रान ग्रुप की भारत के लिए बड़ी योजना है। बता दें कि यह 36 मिलियन यूरो के निवेश के साथ उन्नत विमान इंजनों के पुर्जों और घटकों का उत्पादन करने के लिए हैदराबाद में एक उत्पादन सुविधा स्थापित कर रहा है। फ्रांसीसी दिग्गज भारतीय और विदेशी वाणिज्यिक विमानों के लिए एक एमआरओ सुविधा भी स्थापित कर रहा है।

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