मध्यप्रदेश

खनिज विभाग की मिली भगत फिर हुई उजागर

बगैर रायल्टी गाड़ियां पकड़ी और बाद में पेश कर दी रायल्टी, ओवरलोडिंग का केस बनाकर सुपुर्द किया डंपर

भोपाल
 राजधानी में अवैध खनिज परिवहन नई बात नहीं है, यहां रोजाना रेत, गिट्टी, मुरम और कोपरा का अवैध परिवहन किया जा रहा है। खनिज अधिकारी वैसे तो इन वाहनों की जांच तक नहीं करते, अगर कभी करते भी है, तो बिना रायल्टी मिले वाहन पर ओवरलोडिंग कर  जुर्माना लगा दिया गया हैं।

 ताजा मामला शुक्रवार अचारपुरा बायपास का है। जहां खनिज अधिकारी सुचि माथुर ने मुरम कोपरा से भरे दो डंपरों को पकड़ा था। मौके पर ड्राइवर ने रायल्टी पेश नहीं की, जिसके बाद डंपरों को जब्त कर सूखीसेवनिया थाने में रखा गया था। इस बीच पूरे शहर में जंगल में आग की तरह फैल चुकी थी कि बगैर रायल्टी की गाड़ियां पकड़ी गई। लेकिन शुक्रवार को देर शाम तक खनिज अधिकारी सूची माथूर ने प्रभारी खनिज अधिकारी अशोक नागले को कोई जानकारी नहीं दी गई दूसरे दिन शनिवार और रविवार का अवकाश था। सोमवार को खनिज अधिकारी ने दो गाड़ियों में रायल्टी लगाकर ओवरलोडिंग का केस दर्ज कर दिया। गाड़ियों को बुधवार को सुपुर्दगी राशि जमा करवाकर सुपुर्द कर दिया गया है।

 खनिज विभाग ने दोनों डंपरों पर ओवरलोडिंग का केस बनाकर पेश कर दिया। जिसके आधार पर मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह के कोर्ट ने एक वाहन पर 1 लाख 35 हजार 213 और दूसरे वाहन पर 2 लाख 13 हजार रुपए का जुमार्ना लगाया गया है।

शुक्रवार रात के समय खनिज इंस्पेक्टर सुचि माथुर ने अचारपुरा बायपास पर एमपी 04 एचई 3022 और एमपी 04 जेडजी 2025 को पकड़ा था। यह डंपर दिनेश राजा राम और राजू के नाम दर्ज थे। वाहन चालकों ने जब रायल्टी पेश नहीं की तो वाहनों को सूखीसेवनिया में रखवा दिया गया। सोमवार को खनिज इंस्पेक्टर ने कलेक्टर कोर्ट में दोनों वाहनों पर ओवरलोडिंग का केस बनाकर पेश कर दिया। जिसके आधार पर कोर्ट ने दोनों वाहनों पर जुर्माना लगाया है। बुधवार को वाहन मालिकों ने जुमार्ना भरकर वाहनों को छुड़वा लिया है। जिला खनिज अधिकारी एसएस बघेल ने बताया कि खनिज इंस्पेक्टर ने दो वाहनों पर खनिज के ओवरलोडिंग परिवहन की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर कलेक्टर कोर्ट में केस पेश कर जुर्माना लगाया गया है। मौके पर रायल्टी नहीं देने के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।

 वाहन पकड़ने के बाद बनवाई रायल्टी
दरअसल खनिज विभाग की टीम अचारपुरा बायपास पर खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जांच कर रही थी, तभी दो डंपरों को रोका गया, चालक से जब रायल्टी मांगी तो उसने रायल्टी होने से इंकार कर दिया। वाहन पकड़ने के दो घंटे बाद चालक ने रायल्टी पेश की, जिसके आधार पर दोनों वाहनों पर ओवरलोडिंग का केस दर्ज किया गया।

रायल्टी कटी थी तो ओवरलोडिंग कैसे हुई
जानकारी के अनुसार रायल्टी कटी थी तो जो रायल्टी कटती थी उसी क्रम में कटनी थी। गाड़ी की रायल्टी जानबुझकर कम करवाई गई ताकि गाड़ी पकड़ने का कारण बन सके। ऐसा सूत्रों का मानना है।

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