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धीरेंद्र शास्त्री को क्लीन चिट, नागपुर पुलिस को नहीं मिले अंधविश्वास फैलाने के प्रमाण

बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में रामकथा का आयोजन किया था। इसके बाद महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी गई थी और आरोप लगाया था कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को फैला रहे हैं। नागपुर के पुलिस आयुक्त ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के नागपुर में हुए कार्यक्रम के वीडियो की जांच की गई, लेकिन इसमें अंधविश्वास जैसी कोई बात नहीं मिली है।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को अंधविश्वास फैलाने के मामले में नागपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। नागपुर पुलिस ने कहा है कि नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति की शिकायत की जांच के बाद बागेश्वर धाम के खिलाफ अंधविश्वास फैलाने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। पुलिस ने जांच के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को लिखित जवाब भी भेजा है। नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बुधवार को कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम के वीडियो की जांच की गई और यह पाया गया कि नागपुर में उनके कार्यक्रम के दौरान कोई अंधविश्वास नहीं फैलाया जा रहा था।

धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में रामकथा का आयोजन किया था, लेकिन रामकथा दो दिन के लिए घटा दी गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी गई है। धीरेंद्र शास्त्री पर्चे पर लिखकर लोगों की मन की बात बता देने का दावा करते हैं। उन्हें लेकर लोग दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा मानता है कि बाबा के पास चमत्कारी शक्ति है, जबकि दूसरे धड़े का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को फैला रहे हैं।

बागेश्वर धाम वाले कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं। धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार करने के दावे पर सवाल भी उठे हैं। कुछ लोगों ने उन्हें चुनौती दी है और इसे पाखंड बताया। उन्हें लेकर संत समुदाय भी बंटा नजर आ रहा है। एक तरफ जहां अयोध्या का संत-समाज उनके समर्थन में खड़ा है, वहीं, दूसरी तरफ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी जैसे धर्माचार्य उनके दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

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