Home राज्य राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, शादी से पहले लिव इन में...

राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, शादी से पहले लिव इन में रह सकते हैं युवाओं

13
0
Jeevan Ayurveda

 जयपुर

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि दो व्यस्क आपसी सहमति से तब भी लिव इन में रह सकते हैं जब उनकी उम्र शादी के लायक नहीं हुई है। देश में शादी के लिए लड़की की आयु कम से कम 18 और लड़के की न्यूनतम 21 निर्धारित है, जबकि व्यस्क होने की उम्र 18 है।

Ad

जस्टिस अनूप कुमार ढांड ने ऐसे ही दो व्यस्क की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अहम आदेश पारित किया। राजस्थान के कोटा की रहने वाली 18 साल की लड़की और 19 साल के लड़के ने संरक्षण की मांग की थी। लड़की की उम्र शादी के लायक हो चुकी है, लेकिन लड़के की उम्र में अभी दो साल की कमी है।

फैसले की कॉपी गुरुवार को अपलोड की गई। इसके मुताबिक, दोनों ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए कहा था कि वे आपसी सहमति से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। कपल ने 27 अक्टूबर 2025 को लिव इन अग्रीमेंट बनाया था। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक लड़की का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ है और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। उन्होंने कहा कि पुलिस के सामने लिखित अपील के बाद भी कोई ऐक्शन नहीं लिया गया।

राज्य की ओर से पेश हुए लोक अभियोजक विवेक चौधरी ने दलील दी कि चूंकि लड़के की उम्र 21 नहीं हुई है इसलिए वह कानूनी रूप से शादी नहीं कर सकता है। इसलिए उन्हें लिव इन पार्टनरशिप में रहने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। हालांकि, हाई कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि संविधान का आर्टिकल 21 'जीवन जीने का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता'की गारंटी प्रदान करता है और कोई धमकी संवैधानिक उल्लंघन है।

अदालत ने जोर देकर कहा कि राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि हर नागरिक से जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा हो। जज ने कहा, 'सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ताओं की उम्र शादी के लिए लायक नहीं हुई है, उन्हें मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।' अदालत ने यह भी कहा कि भारतीय कानूनों के तहत लिव इन ना तो अवैध ही और ना ही अपराध। अदालत ने भीलवाड़ा और जोधपुर रूरल के एसपी को धमकी के आरोपों की जांच करने और कपल को जरूरत पड़ने पर सुरक्षा देने का आदेश दिया।

Jeevan Ayurveda Clinic

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here