Home राज्य अखिलेश यादव भड़के, कहा—स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार खतरनाक

अखिलेश यादव भड़के, कहा—स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार खतरनाक

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अयोध्या
राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में भर्ती न मिलने के कारण 12 वर्षीय बच्चे मोहम्मद आरिफ की मौत हो गई। इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर योगी सरकार पर हमला बोला है। यादव ने एक्स पर लिखा इस दुखद घटना के लिए बस इतना ही कहना है कि बदइंतजामी और भ्रष्टाचार में लिप्तता इतनी भी न हो कि किसी की जान चली जाए।  स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में ये बात अगर आए तो पीड़ित परिवार को उनका बेटा तो वापस नहीं करवा सकते लेकिन मुआवजा देकर कुछ तो पश्चाताप कर सकते हैं। और कुछ नहीं कहना है।

दशरथ मेडिकल कॉलेज से बच्चे को रेफर करने का अरोप 
आप को बता दें कि आरोप है कि राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज अयोध्या में एक बच्चे को बेड और ऑक्सीजन न होने का हवाला देकर प्राइवेट अस्पताल ले जाने की बात कह कर रेफर कर दिया गया। मजबूर पिता मौके पर बेटे को कंधे पर लेकर पिता दूसरे अस्पताल की तरफ बढ़ा कि उसकी रास्ते में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बेड और ऑक्सीजन की कमी बताकर बच्चे को भर्ती करने से इनकार कर दिया।

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बेटे को कंधे पर लेकर दौड़े पिता, रास्ते में हुई मौत
हैरिंग्टनगंज निवासी मोहम्मद मुनीर का बेटा मोहम्मद आरिफ दो दिन से तेज बुखार से जूझ रहा था। पहले उसे स्थानीय डॉक्टर और फिर सीएचसी ले जाया गया, जहां से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन इमरजेंसी वार्ड में मौजूद डॉक्टरों ने बेड और ऑक्सीजन की कमी का हवाला देकर इलाज से मना कर दिया। निराश पिता बेटे को कंधे पर उठाकर निजी अस्पताल की ओर ले जा रहे थे, तभी रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया।

परिजनों का आक्रोश
मृतक के रिश्तेदार मेराज ने कहा “बच्चे की हालत बेहद गंभीर थी, उसे तुरंत इलाज चाहिए था। लेकिन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मदद करने की बजाय मना कर दिया। मजबूर होकर हमें निजी अस्पताल जाना पड़ा, पर वहां तक पहुंचने से पहले ही सब खत्म हो गया।”

तीन डॉक्टर निलंबित, जांच समिति गठित
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्यजीत वर्मा ने लापरवाही मानते हुए तीन डॉक्टरों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा “यह अक्षम्य लापरवाही है। इमरजेंसी वार्ड में अतिरिक्त डॉक्टर तैनात हैं, फिर भी मरीज को मना करना अस्वीकार्य है। मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”

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