विदेश

विदेश सचिव क्वात्रा ने कहा वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ एक अनूठी शुरुआत

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा कि वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन ने भारत को विकासशील देशों की प्राथमिकताओं की दिशा में अधिक सहयोग का एक नया मार्ग तैयार किया है।

उन्होंने विकासशील दुनिया की प्राथमिकताओं, दृष्टिकोणों और चिंताओं को प्रतिध्वनित करने के लिए आयोजित दो दिवसीय आभासी शिखर सम्मेलन के समापन के बाद यह बात कही। क्वात्रा ने कहा कि एक स्पष्ट भावना थी कि ग्लोबल साउथ उन घटनाक्रमों से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो रहा है, जिन्हें बनाने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी, और यह भी नहीं है कि इन्हें कैसे संबोधित किया जाना चाहिए।

विदेश सचिव ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान भाग लेने वाले नेताओं और मंत्रियों द्वारा रखे गए विचारों और सुझावों को भारत बहुत महत्व देता है। क्वात्रा ने कहा कि भारत इन विचारों, इन प्राथमिकताओं, वैश्विक दक्षिण देशों की चिंताओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से और निश्चित रूप से हमारे जी -20 अध्यक्षता के दौरान शामिल करने के लिए सबसे मजबूत प्रयास करेगा।

उन्होंने कहा कि ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन ने भारत को व्यापक साझेदारी का नया मार्ग तैयार करने का अवसर प्रदान किया। विदेश सचिव ने कहा कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं और मंत्रियों के विचारों और उनके सुझावों को भारत बहुत महत्व देता है।

क्वात्रा ने कहा कि अफ्रीका के 47, एशिया के 31, यूरोप के सात और लातिनी अमेरिका तथा कैरेबियाई क्षेत्र के 29 देशों सहित 125 देशों के नेताओं ने शिखर सम्मेलन में भाग लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button